शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

स्वतंत्रता दिवश 2015

हुसैनीवाला बोर्डर की भगत सिंह
की समाधि पर एक सरदार सुबह सुबह बैठा था
तभी एक फौजी आकर पूछता है
अरे ओ तुझे पता है ये शहीद ए आजम भगत सिंह
की समाधि है चल उठ यहाँ से.. नाम क्या है तेरा?
जवाब आया भगत सिंह
और चल दिया वहां से, तभी चलते चलते उसे फिर कुछ
गश्त लगाते फौजियों ने पकड़ लिया
अरे भाई मरना है क्या?
उधर बोर्डर है ...पाकिस्तान देश की सीमा
है
भगत सिंह चौंक जाते है
'अरे लेकिन वहां तो हमारा लाहौर है"
फौजी हँसते हुए बोला भाई पागल है क्या तू?
गांधी नेहरू जैसे नेताओ ने कबके इस देश के दो टुकड़े
कर दिये थे
भगत सिंह को विश्वाश नहीं हुआ
अरे गांधी ऐसा नहीं कर सकते...झूठ बोलते
हो तुम
गांधी ऐसे नहीं थे
फौजी भगत सिंह को उल्टे पाँव लौटा देते है
भगत ट्रेन में जा बैठते है और मन ही मन सोचते है
क्या बात है आजादी के बाद हमारी
अपनी ट्रेन है हम चाहे जिस सीट और
क्लास में बैठ सकते है
अब ट्रेन चंदीगढ आ पहुंची है वो
उतरकर शहर देखने चल पड़ते है
तभी सड़क चलते भगत को रोक दिया जाता है
पास ही खड़े आदमी से पूछते है क्या
हुआ भाई? रोका क्यों है हमे?
बन्दा जवाब देता है "गाँव से आये हो क्या यार
मुख्यमंत्री की गाड़ी
गुजरेगी यहाँ से हम नहीं जा सकते"
फिर भगत सिंह पूछते है
'ये मुख्यमंत्री ब्रिटिश का कोई अफसर है क्या?'
आदमी हंस पड़ता है
यार गँवार इनको हम ही चुनाव करके बनाते है ब्रिटिश
अफसर तो 1947 में ही भग लिये थे
भगत कहते है 'तो ये अपने देश के होकर अपनों से
ही ब्रिटिश जैसा व्यवहार क्यों कर रहे है?
आदमी कहता है
जाओ पूछो जेल में जाने का शौक हो तो
भगत मन ही मन सोचते है तब भी सवाल
उठाने पर दबा देते थे और अब भी दबादेते है ये
कैसी आजादी?
भगत सिंह दिल्ली की बस पकड़ते है और
दिल्ली की ओर चल पड़ते है
रात पड़ जाती है बस पुरानी
दिल्ली के पास पहुँच जाती है
तभी तीन मुस्टंडे बस रुकवा देते है और
बस में झाँककर देखते है अंदर देखते है एक लड़की
एक सरदार जी एक लड़की और कंडक्टर
बैठे है
वो आकर कंडक्टर को आकर पीट देते है और
लड़की को पकड़ लेते है
उसे सीट पर पटक देते है और रेप करने
की कोशिश करते है तभी भगत सिंह
बीचमे आ जाते है
'अबे ओ तू हिन्दुस्तानी है या ईस्ट इंडिया का
फौजी जो ये काम कर रहा है'
और अपने घूसे से उसे गिरा देते है
लड़की को लेकर दिल्ली को ओर भागते है
लड़की उन्हें धन्यवाद करती है।
भगत पूछते है ये क्या ब्रिटिश की पैदाइश?
लड़की कहती है वो तो कबके 1947 में
जा चुके भईया
ये लोग तो उनसे भी बड़े राक्षस है
हर रोज कई माँ बहनो के साथ बलात्कार होता है।
भगत उसे लेकर पुलिस स्टेशन जाते है
पुलिस के बर्ताव से भी भगत निराश हो जाते है
अब भगत दिल्ली की सैर पर निकलते है
पुरानी दिल्ली की
झुग्गी झोंपड़ियों को देखकर उन्हें अचरज होता है
अरे 68 सालबाद भी हमारे लोग बिना पानी
बिजली मकान के है?
इसमें जरूर ब्रिटिश का कोई काम होगा
वो जाकर स्कूल जाते एक बच्चे को पूछते है
बेटा कहाँ चले? स्कूल?
नहीं अंकल मैं स्कूल नहीं जाता 'होटल पे
चाय पिलाने का बर्तन धोने का काम है अपना'
वो सामने वाली कभी आओ
भगत टेंकर से गिरते पानी को भरने के लिये
झगड़ती महिलाओ को देखकर वहां चले जाते है और
कहते है एक एक करके भर लो बहन
तभी एक महिला बोल पड़ती है
सरदार जी पानी है ये
औरो को भरने दिया तो हम प्यासे मर जायेंगे
भगत इस दशा को देखकर व्यथित हो जाते है
और आगे बढ़ जाते है
अब उनके सामने एक नेता का मंच था
मंच से आवाज आ रही थी 'हम आपको
पानी देंगे बिजली देंगे'
भगत सिंह ने एक पत्थर मंच पर दे मारा और कहा
साले तुम 68 साल बाद भी सिर्फ पानी और
बिजली पर ही अटके हुए हो
और वहां से निकल लेते है
अब जंतर मंतर पर धरना होते देख
पूछते है ये कौन लोग है?
कोई जवाब देता है
ये हमारे देश के पूर्व सेनिक है
जब इस देश में अन्याय होता है तो लोग धरना देने यहाँ आ जाते है
भगत सोचते है 'तब अंग्रेजो के राज में भी
गांधी धरना देते थे और आज खुदका राज आ गया फिर
भी धरना देना पड़ रहा है
अब भगत सिंह घुमते हुए संसद भवन पहुँच जाते है
और कहते है अरे ये तो ...
भाई ये पार्लियामेंट है ना जहाँ देश के सारे फैसले होते है?
आदमी कहता है
घंटे के फैसले
सब आपस में लड़ते है कुर्सियां फेंकते है
एक दूसरे पर आरोप लगाते है धमकी देते है
अपनी सैलरी बढ़ाते है गरीबो
का खून चूसते है..
भगत सिंह बोल पड़ते है
"लगता है फिर से बम गिराने का वक्त आ गया है"
................
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
जय हिन्द जय भारत

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